Manoj Comics-654-Khooni Lutera
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मनोज कॉमिक्स-६५४-खूनी लुटेरा
मनोज कॉमिक्स में आप कोई भी कॉमिक्स उठा कर देख लो कहानी और चित्रों का इतना जबरदस्त संयोजन मिलता है जो आज बिलकुल भी देखने को नहीं मिलता है। अंसार अख्तर जी कि कोई भी कहानी शायद ही कभी दूसरे आयाम में गयी हो और मज़ेदार बात ये भी है कि वो लगभग एक जैसी कहानियां लिखते थे फिर भी पढ़ने में इतनी अलग विश्वास करना मुश्किल होता है। आज को लेखकों को अंग्रेजी कॉमिक्स पढ़कर उसका अनुवाद करना छोड़कर इनकी कहानियां पढ़नी चाहिए और देखना चाहिए कि बिना फालतू कि लाग लपेट के कितनी अच्छी कहानियां लिखी जा सकती है।
ये कहानी शुरू होती है एक गुण्डे के एक सोसाइटी में किराये पर रहने आने से, और फिर सुरु होता है उसका लोगो को परेशान करना। लोग पुलिश के पास जाने कि कोशिश करते है पर वो उन्हें बुरी तरह से पीट देता है और सोसाइटी उसे ६ महीने से पहले निकाल नहीं सकती।
अब लोग क्या करेंगे ? और इस तरह से उस गुण्डे का सोसाइटी में आना कही किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं है ? क्या है ये तो कॉमिक्स पढ़ कर ही पता चलेगा पर सच कहूं एक बार जरुर पढ़े तबियत खुश हो जायेगी।
कल होली है और आज कल में पास ज्यादा काम भी नहीं है इसलिए ये तीनो कॉमिक्स जो कि पेंडिंग थी मेरे ब्लॉग पर भी और मुकेश जी जो ग्रुप में दे रहे है उसमे भी इसलिए आज इन तीनो कॉमिक्स को एक साथ अपलोड कर रहा हूँ। साथ में आप सब को होली कि ढेर सारी सुभकामनाएँ। फिर जल्दी ही मिलते है एक नयी कॉमिक्स के साथ उससे पहले उम्मीद है आज रात में ही एक बाल पॉकेट बुक भी अपलोड होगा।
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मनोज कॉमिक्स-६५४-खूनी लुटेरा
मनोज कॉमिक्स में आप कोई भी कॉमिक्स उठा कर देख लो कहानी और चित्रों का इतना जबरदस्त संयोजन मिलता है जो आज बिलकुल भी देखने को नहीं मिलता है। अंसार अख्तर जी कि कोई भी कहानी शायद ही कभी दूसरे आयाम में गयी हो और मज़ेदार बात ये भी है कि वो लगभग एक जैसी कहानियां लिखते थे फिर भी पढ़ने में इतनी अलग विश्वास करना मुश्किल होता है। आज को लेखकों को अंग्रेजी कॉमिक्स पढ़कर उसका अनुवाद करना छोड़कर इनकी कहानियां पढ़नी चाहिए और देखना चाहिए कि बिना फालतू कि लाग लपेट के कितनी अच्छी कहानियां लिखी जा सकती है।
ये कहानी शुरू होती है एक गुण्डे के एक सोसाइटी में किराये पर रहने आने से, और फिर सुरु होता है उसका लोगो को परेशान करना। लोग पुलिश के पास जाने कि कोशिश करते है पर वो उन्हें बुरी तरह से पीट देता है और सोसाइटी उसे ६ महीने से पहले निकाल नहीं सकती।
अब लोग क्या करेंगे ? और इस तरह से उस गुण्डे का सोसाइटी में आना कही किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं है ? क्या है ये तो कॉमिक्स पढ़ कर ही पता चलेगा पर सच कहूं एक बार जरुर पढ़े तबियत खुश हो जायेगी।
कल होली है और आज कल में पास ज्यादा काम भी नहीं है इसलिए ये तीनो कॉमिक्स जो कि पेंडिंग थी मेरे ब्लॉग पर भी और मुकेश जी जो ग्रुप में दे रहे है उसमे भी इसलिए आज इन तीनो कॉमिक्स को एक साथ अपलोड कर रहा हूँ। साथ में आप सब को होली कि ढेर सारी सुभकामनाएँ। फिर जल्दी ही मिलते है एक नयी कॉमिक्स के साथ उससे पहले उम्मीद है आज रात में ही एक बाल पॉकेट बुक भी अपलोड होगा।
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